एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार में जन्म, जहाँ ज़रुरते ज़ेब से बड़ी और समझदारी उम्र से बड़ी होती है. उस पर चार भाई-बहनों में बड़ा होने के नाते कुछ ज्यादा ही जिम्मेदारियों का बोझ ढोते ज़वान हो जाना.
जिन्दगी को करीब से लगभग सभी रंगो में देखा, जहाँ अभावो ने सदा हौसला बढ़ाया कि हासिल करने को और भी मुकाम है सा सब़क हर कदम पर याद रहा.
कविता मुझे उर्जा देती है और अपनी मुश्किलों से जूझने का हौसला भी